जिस आजादी में आज हम भारत वासी खुलकर सांस ले रहे है, उस आजादी की कीमत न जाने कितने महान क्रांतिकारियो ने अपने जीवन का बलिदान देकर चुकाई है। ऐसे ही महान क्रांतिकारियो में

जिस आजादी में आज हम भारत वासी खुलकर सांस ले रहे है, उस आजादी की कीमत न जाने कितने महान क्रांतिकारियो ने अपने जीवन का बलिदान देकर चुकाई है। ऐसे ही महान क्रांतिकारियो में शहीदे ए आजम भगत सिह और उनके साथी शिवहरि राजगुरु व सुखदेव थापर का नाम सदैव स्मरणीय है।

दरअसल अंग्रेजो के बढ़ते हुए अत्याचार के विरोध मे भगतसिह ने बिट्रिश अधिकारी जाँन सांर्डस की गोली मारकर हत्या कर दी थी। उसके बाद "पब्लिक सेफ्टी और ट्रेड डिस्ट्रीब्यूट बिल" के विरोध में भगत सिह ने सेन्ट्रल असेम्बली में बम फेका था। उनका इरादा अंग्रेजों तक अपनी आवाज पहुचाना था, किसी की हत्या करना नहीं था।
इस घटना के बाद उन्हे और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। देश की आजादी के लिए ये महान क्रांतिकारी इन्कलाब जिन्दाबाद के नारे लगाते हुए हंसते गाते फाँसी पर झूल गये। आजादी के क्रांतिकारियो का जीवन प्ररेणादायक है।
आज के दिन हम महान क्रांतिकारियो के व्यक्तित्व को जीवन में अपनाकर भारत माता के वीर सपूतों के प्रति सम्मान का भाव प्रकट करे और महान क्रांतिकारियो के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करे...

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