मनोज न्यांगली एक बार फिर अपने फोरम में दिखे,
राजगढ़ सादुलपुर (फर्जी पत्रकार की कलम से) - निवर्तमान विधायक मनोज न्यांगली 22 मई को एक बार फिर अपने फोरम में दिखे, जिन्होंने कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों की बिगड़ रही जलापूर्ति व्यवस्था पर को लेकर ना सिर्फ जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के स्थानीय अधिकारियों से मुलाकात की, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि विभाग और सरकार हमारी और जनता के धैर्य की परीक्षा ना ले। जलापूर्ति व्यवस्था बिगड़ी हुई है विभाग और सरकार तथा यहां के जनप्रतिनिधि बिल्कुल उदासीन हो रहे हैं। कोरोना संकट काल के कारण जनता लोक डाउन के नियमों का की पालना के लिए इस गंभीर समस्या को सहन कर रही है और कानून को तोड़ना नहीं चाहती। अब सरकार हमारे धैर्य की और परीक्षा ना लें, अन्यथा हम सभी को लॉक डाउन के दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतरना पड़ सकता है।
निवर्तमान विधायक मनोज न्यांगली तेज गर्मी व लू के मध्य दोपहर को विभागीय कार्यालय पहुंचे, उनके साथ पार्षद गण महेन्द्र दिनोदिया व राहुल पारीक आदि भी थे। कार्यालय में कोई अधिकारी नहीं मिला। उन्होंने प्रभारी अधिकारी कनिष्ठ अभियंता अनिल कुमार बैरवा से संपर्क किया और थोड़ी देर में वह कार्यालय में पहुंच गए जो साइड पर गए हुए थे।
इसी दौरान बताया गया कि राजगढ़ में 2 सहायक अभियंता तथा दो कनिष्ठ अभियंता के पद हैं, मगर एक मात्र कनिष्ठ अभियंता काम कर रहे हैं और उन्हीं के पास चांदगोठी का भी चार्ज है। कनिष्ठ अभियंता अनिल कुमार भैंसली की तरफ साइट पर गए हुए थे।
इस अवसर पर यह जानकारी मिली की जलापूर्ति तो पीछे से पानी तो ठीक-ठाक मिल जाता है, मगर गर्मी के कारण आवश्यकता बढ़ गई और साथ ही बिजली ट्रिपिंग की समस्या भी बार-बार आड़े आती है। इस पर पार्षद महेंद्र दिनोदिया ने कहा की जलापूर्ति का कोई समय तय नहीं है कभी सुबह 4 बजे तो कभी चिलचिलाती धूप में दोपहर को तो कभी शाम के बाद पानी सप्लाई किया जाता है, जिस कारण बहुत से लोगों को तो पता तक नहीं चल पाता और लोग पानी से वंचित रह जाते हैं। इस पर विधायक ने कहा कि एक समय तय कर उस अनुसार जलापूर्ति व्यवस्था की जाए।
न्यांगली ने वर्तमान जन प्रतिनिधियों पर जनता की उपेक्षा करते हुए आरोप लगाया कि यहां की विधायक सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के विधायक है, जबकि सांसद केंद्र की भाजपा सरकार के सांसद हैं। यह दोनों ही जल समस्या के प्रति उदासीनता बरत रहे हैं विधायक ने यहां तक कहा कि वर्तमान जनप्रतिनिधि तानाशाही कर रहे हैं जो भ्रष्ट कार्यों को संरक्षण देते हुए जनता की मूलभूत समस्याओं की अनदेखी कर रहे हैं। जलदाय विभाग जैसे महत्वपूर्ण महकमे में डेढ़ साल से यह हालात है कि अभियंताओं के पद रिक्त पड़े हैं। जनता शिकायत करे तो करे कहां ? वर्तमान जनप्रतिनिधि जनता की बात को तवज्जो नहीं देते और शहर तो बिल्कुल से उपेक्षित नजर आ रहा है।
राजगढ़ कस्बे के लिए विधायक द्वारा 43 करोड रुपए की नई पाइप लाइन के लिए स्वीकृत करवाए गए प्रोजेक्ट को निवर्तमान विधायक न्यांगली ने जनता के साथ धोखा बताया। उन्होंने कहा कि राजगढ़ शहर के लिए 283 करोड रुपए का प्रोजेक्ट उन्होंने स्वीकृत करवाया था। जिसमें नई पाइपलाइन के साथ-साथ सीवरेज ड्रेनेज का काम भी होना था, मगर उस कार्य की ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया और मात्र 43 करोड़ का प्रोजेक्ट लाकर वाहवाही लूटना चाहते हैं।
न्यांगली ने यह भी कहा कि जो वर्तमान जनप्रतिनिधि यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि सीवरेज प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं हुआ था। वह इस बात का जवाब दें कि यदि प्रोजेक्ट स्वीकृत नहीं हुआ तो क्यों तात्कालीन मुख्यमंत्री स्पष्टीकरण करती कि यह बजट राजगढ़ चूरू शहर के लिए है। इसके अलावा यदि प्रोजेक्ट ही नहीं होता तो तात्कालीन जिला कलेक्टर इस योजना के लिए बैठक क्यों करते ? उस बैठक में मैं ही नहीं राजगढ़ के तात्कालीन चेयरमैन जगदीश बैरासरिया सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे। उस मीटिंग में राजगढ़ के 283 करोड रुपए के प्रोजेक्ट पर चर्चा हुई थी, मगर दुर्भाग्य से आगे सरकार बदल गई और वर्तमान विधायक उस प्रोजेक्ट को मूर्त रूप में देने के लिए असफल रही है। न्यांगली ने कहा कि जल समस्या के लिए या तो विभाग प्रशासन तथा सरकार शीघ्र कोई सुचारू व्यवस्था कर दें अन्यथा मजबूर होकर इस विकट जन समस्या के लिए कोरोना संकट काल में भी लोग डाउन की दिशा निर्देशों की अवहेलना के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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