ये महिला कोरोना वायरस से दुनिया को बचाने के प्रयास में लिए आगे आई .....
राजगढ़ सादुलपुर से सभी की ओर से सेवाभावी और मानव जाति के लिए समर्पित उस नारी शक्ति को नमन, कोटिशः नमन... जो अपनी जान की बाजी लगाकर कोरोना वायरस से दुनिया को बचाने के प्रयास में लिए आगे आई है...🙏🙏
यह सम्माननीय, पूजनीय महिला है अमेरिका की जेनिफ़र हेलर, जो दुनिया की वह पहली महिला बन गई है, जिन पर कोरोना वाइरस के वैक्सीन परीक्षण किया गया है।
आज कोरोना वायरस विश्व में महामारी के रूप में फैलता जा रहा है। उसके उपचार की दवा खोजने के लिए विश्व भर के वैज्ञानिक, चिकित्सक जुटे हुए हैं। जिन दवाओं पर काम चल रहा है, उसके लिए आवश्यक है कि कोई स्वस्थ व्यक्ति आगे आकर रिसर्च की जा रही दवा/वैक्सीन का टेस्ट अपने शरीर में करवाएं। उसके टेस्ट के लिए पहले किसी स्वस्थ व्यक्ति को वह दवा/इंजेक्शन देकर उसका प्रभाव/दुष्प्रभाव देखा जाता है।
जेनिफ़र और उनके अन्य कई लोग मानव सेवा के लिए स्वेच्छा से इस परीक्षण के लिए आए। उनकी भावना यही है कि मानव जाति पर आए इस संकट से उन्हें बचाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि जेनिफ़र के दो बच्चों की मां है, इसके बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी मानव सेवा के लिए दांव पर लगाई है। यदि वैक्सीन के दुष्प्रभाव होते हैं तो उनकी जान को ख़तरा हो सकता है।
हम लोग यह कहते रहते हैं कि दुनिया में आज भी बहुत से अच्छे लोग हैं, जिनकी समर्पित भावनाओं या यूं कहें कि ऐसे लोगों की धर्म आस्था से मानव जाति को बहुत लाभ मिलता है। ऐसी ही यह एक महिला सम्माननीय महिला है।
आप हम सभी की असीम मंगलकामनाएं हैं इस मातृ शक्ति को और यही प्रार्थना है, कामनाएं हैं, दुआएं हैं कि जो सर्वशक्तिमान हैं, जिस अदृश्य शक्ति पर लगभग अधिकांश मानव जाति को किसी ना किसी रूप में यकीन है, वह शक्ति जेनिफर की त्याग भावना को फलीभूत करते हुए कोरोना महामारी से बचाव का प्रयोग सफल करे...
यह सम्माननीय, पूजनीय महिला है अमेरिका की जेनिफ़र हेलर, जो दुनिया की वह पहली महिला बन गई है, जिन पर कोरोना वाइरस के वैक्सीन परीक्षण किया गया है।
आज कोरोना वायरस विश्व में महामारी के रूप में फैलता जा रहा है। उसके उपचार की दवा खोजने के लिए विश्व भर के वैज्ञानिक, चिकित्सक जुटे हुए हैं। जिन दवाओं पर काम चल रहा है, उसके लिए आवश्यक है कि कोई स्वस्थ व्यक्ति आगे आकर रिसर्च की जा रही दवा/वैक्सीन का टेस्ट अपने शरीर में करवाएं। उसके टेस्ट के लिए पहले किसी स्वस्थ व्यक्ति को वह दवा/इंजेक्शन देकर उसका प्रभाव/दुष्प्रभाव देखा जाता है।
जेनिफ़र और उनके अन्य कई लोग मानव सेवा के लिए स्वेच्छा से इस परीक्षण के लिए आए। उनकी भावना यही है कि मानव जाति पर आए इस संकट से उन्हें बचाया जा सके।
उल्लेखनीय है कि जेनिफ़र के दो बच्चों की मां है, इसके बावजूद उन्होंने अपनी जिंदगी मानव सेवा के लिए दांव पर लगाई है। यदि वैक्सीन के दुष्प्रभाव होते हैं तो उनकी जान को ख़तरा हो सकता है।
हम लोग यह कहते रहते हैं कि दुनिया में आज भी बहुत से अच्छे लोग हैं, जिनकी समर्पित भावनाओं या यूं कहें कि ऐसे लोगों की धर्म आस्था से मानव जाति को बहुत लाभ मिलता है। ऐसी ही यह एक महिला सम्माननीय महिला है।
आप हम सभी की असीम मंगलकामनाएं हैं इस मातृ शक्ति को और यही प्रार्थना है, कामनाएं हैं, दुआएं हैं कि जो सर्वशक्तिमान हैं, जिस अदृश्य शक्ति पर लगभग अधिकांश मानव जाति को किसी ना किसी रूप में यकीन है, वह शक्ति जेनिफर की त्याग भावना को फलीभूत करते हुए कोरोना महामारी से बचाव का प्रयोग सफल करे...
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