सनसनीखेज दोहरा हत्याकांड आधी रात के बाद होने की आशंका
राजगढ़ सादुलपुर थाना क्षेत्र में 31 जुलाई की रात को गगोर की रोही में हुआ सनसनीखेज दोहरा हत्याकांड आधी रात के बाद होने की आशंका है। दोनों मृतकों के हाथ/पांव बांध कर सिर में वार किए प्रतीत हुए हैं और सिर की संघातक चोटों से ही मौत होने की आशंका जताई जा रही है।
यह हत्या मृतकों के परिजनों के खेत में की गई है व हत्या का कारण रेवड़ चुराया जाना माना जा रहा है। खेत में बनाये हुई बाड़े में करीब 60 से ज्यादा बकरियों बकरों का रेवड था, जो गायब मिला है। दोनों ही मृतक कृष्ण कुमार राहड़ (लंबोर बड़ी) और राजेश बाजिया (ढंढाँळ) सीधे-साधे ग्रामीण थे जो पाळी का ही काम करते थे। राजेश तो दो तीन दिन पहले ही यहां आया बताते हैं।
इससे संगीन वारदात को लेकर ग्रामीणों में रोष व्याप्त दिखा तथा बड़ी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो रहे हैं। मृतक के भाई नरेंद्र व अन्य ग्रामीणों ने एक बार तो अपराधियों का पता नहीं लगने तक शव नहीं उठाने की बात भी कही मगर बाद में समझाइश के बाद परिजन मान गए एवं पोस्टमार्टम करवाने के लिए राजी हो गए।
मौके पर विधायक डॉ. कृष्णा पूनियां तथा पूर्व विधायक मनोज न्यांगली भी पहुंच गए, जिन्होंने पुलिस अधीक्षक नारायण टोकस व अन्य अधिकारियों से इस मामले को जल्दी उजागर कर हत्यारों का पता लगाए जाने की बात कही है।
आशंका यह व्यक्त की जा रही है की अपराधी या तो हरियाणा के हो सकते हैं अथवा फिर बावरिया जाति के अपराधिक तत्व भी हो सकते हैं...? घटनास्थल पर वाहन के निशान मिले हैं व माना यह जा रहा है कि कोई छोटा फोर व्हीलर हो सकता है। पुलिस को घटनास्थल के निकट वाहन के उपयोग में आने वाला चाबी/पाना भी मिला बताते हैं।
यहां उल्लेखनीय बात एक ही है भी है कि कुछ दिन पूर्व जब सीएलजी और शांति समिति की बैठक हुई थी, तब सदस्यों ने यह मुद्दा भी उठाया था कि राजगढ़ कस्बे के आसपास के इलाकों में जोहड़ आदि की भूमि पर बावरी व ऐसे ही अन्य लोग डेरा डालकर रहते हैं, जो दूसरे प्रांतों से आते हैं। एलजी के सदस्यों ने यह अनुरोध भी किया था कि इस प्रकार बाहर से आकर इस क्षेत्र में डेरा डालने वाले लोगों की जांच पड़ताल कर पूछताछ की जानी चाहिए, क्योंकि इन्हें में कोई संदिग्ध अथवा आपराधिक तत्व हो सकते हैं...?
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