सम्राट पृथ्वीराज चौहान जयंती

भारत के महान पराक्रमी, क्षत्रिय शलाका पुरुष, सनातन संस्कृति के संवाहक, शौर्य और स्वाभिमान के प्रतीक, सम्राट पृथ्वीराज चौहान का आज जन्मोत्सव है। इस खास दिन पर, इस महावीर योद्धा को कोटि-कोटि नमन है।
लेकिन विषय बेहद बड़ा है कि आधुनिक समय में, जातीय और धार्मिक समाज ने इन वीर सपूतों को जयंती और पुण्यतिथि में समेट कर रख दिया है। महाराणा प्रताप, बाबू वीर कुँवर सिंह, बाजीराव पेशवा, क्षत्रपति शिवाजी, राणा सांगा, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, रामप्रसाद बिस्मिल, राजगुरु, बहादुर शाह जफर जैसे, महान देशभक्त को सिर्फ किताबों के जरिये पढ़ रहे हैं और इन्हें जयंती और पुण्यतिथि में कैद कर के रख दिया गया है। यही वजह है कि ऐसे प्रतापियों की तरह का, एक भी शख्सियत, आज के समाज में पैदा नहीं ले रहा है।
इन महान आत्माओं को अपने वजूद में समा कर रखने की जरूरत है। इन्हें आत्मसात करने की जरूरत है। जयंती और पुण्यतिथि मनाकर, ऐसे वीर योद्धाओं का पुनर्जन्म असम्भव है। मूल की जगह, प्रपंच और नाटक हो रहे हैं। जरा विचार कीजियेगा कि आखिर ऐसे महापुरुष, आधुनिक काल में, एक भी क्यों नहीं जन्म ले सके हैं !!!!!
7 जून 2021

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