कारोना को लेकर सख्त हुए ये लोग ...
राजगढ़ सादुलपुर में ही नहीं समूचे देश और विश्व में भी इस समय कोरोना महामारी का खतरा मंडरा रहा है और इसका प्रकोप बढ़ता ही नजर आ रहा है। ऐसी स्थिति में हर व्यक्ति सावधान है सजग है और अपनी सुरक्षा के लिए यथासंभव प्रयासरत है।
इस प्रकार के हालातों में राजगढ़ सादुलपुर में यदि करोना का सबसे बड़ा खतरा किसी को नजर आ रहा है तो वह राजगढ़ के एसडीएम और प्रशासनिक अधिकारियों तथा पूर्व चेयरमैन नंदकिशोर मरोदिया एवं उनके परिवार को नजर आ रहा है।
यह बार बार देखा गया है कि जब कोई परिवादी एसडीएम कार्यालय में अधिकारियों से मिलने जाता है, तो उसे 20 मीटर दूर बन्द गेट पर ही खड़ा होना पड़ता है। अधिकारीगण वहीं आकर मिलते हैं या फिर कोई ड्यूटीरत कर्मचारी परिवादी उसको दूर से ही एसडीएम या अन्य अधिकारियों से मिला देता है। अधिकारी किसी परिवादी द्वारा दिया गया ज्ञापन तक स्वीकार करने से डरते हैं। वह बात अलग है कि कर्मचारी चाहे कोरोना की चपेट में आ जाओ, उसकी परवाह ...?
यही स्थिति वार्ड नंबर 7 की पार्षद श्रीमती ललिता मरोदिया यानि पूर्व चेयरमैन नंदकिशोर मरोदिया के घर की और जाने वाली गली के समक्ष नजर आती है। यहां पर घर के आस-पास ही नहीं आवागमन के रास्ते को ही बंद कर दिया गया है।
6 अप्रैल को जब इस गली से गुजरने का काम पड़ा तो पाया कि मरोदिया के घर के आगे की बात तो दूर गली से भी नहीं गुजरा जा सकता। यदि किसी को उधर से जाना होता है तो जाया ही नहीं जा सकता है। हालांकि सुरक्षा और बचाव आवश्यक है, फिर भी आवागमन के रास्ते को बंद किया जाना शायद उचित नहीं होता है।
चाहे एसडीएम हो या पार्षद, पूर्व चेयरमैन... यह जो व्यवस्था कर रखी है वह कम से कम उचित नहीं कही जा सकती। ऐसी व्यवस्था नहीं होती जो लोगों के लिए बेवजह समस्या बन जाए।
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