कोरोना को लेकर बेखोफ राजगढ़ प्रशासन ....
राजगढ़ सादुलपुर में सुखद बात यह है कि अभी तक इस क्षेत्र में ही नहीं चुरू जिले में भी कोरोनो का कोई भी संक्रमित व्यक्ति नहीं मिला है, मगर इसके साथ ही गंभीर बात यह है कि राजगढ़ के पुलिस विभाग को छोड़कर प्रशासन तथा स्वास्थ्य विभाग कोरोना के प्रति गंभीर नजर नहीं आ रहा है।
26 मार्च को इसके दो और प्रमाण सामने आए हैं। एक का तो मैं वीडियो लगा रहा हूं, जो उपखंड कार्यालय का है। जहां लोग अपनी व्यथा लेकर अधिकारियों से मिलने गए, मगर गेट बंद कर दिया गया और पुलिस व्यवस्था के अभाव में लोग भीड़ में वहां जमा थे। हालांकि इस बारे में मैंने जिला कलेक्टर को भी अवगत करवाया मगर लगता है कि जैसे जनता उदासीन और लापरवाह बनी हुई है, कमोबेश यही स्थिति प्रशासन की है ?
ऐसा ही हाल स्वास्थ्य विभाग का देखने को मिला। राजगढ़ के वार्ड नंबर 40 में जयनारायण जी पूनियां के मकान के निकट 25 मार्च की शाम के बाद एक व्यक्ति पूना से आया बताया गया। जिसकी जानकारी मैंने कंट्रोल रूम में देने के साथ-साथ एसडीएम और तहसीलदार को भी व्हाट्सएप से दे दी। हालांकि जानकारी देने के बाद प्रशासन ने कदम उठाए और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। मगर अफसोस की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के कोई दो व्यक्ति दुपहिया वाहन पर गए व मकान के आगे जाकर पूछा। घरवालों ने कह दिया कि कोई नहीं है और बिना किसी तसल्ली के वह व्यक्ति फटाफट वहां से वापस हो लिए। यह पहला मामला नहीं है, बल्कि पूर्व में भी राजगढ़ का चिकित्सक एवं स्वास्थ्य विभाग ऐसे ही लापरवाही दिखा चुका है।
एक तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना के खतरे के प्रति गंभीर नजर आ रही है और सख्त आदेश दे रही है। वहीं राजगढ़ सादुलपुर के प्रशासन व स्वास्थ्य की व्यवस्था चिंतनीय नजर आ रही है।
आज यह महसूस हुआ कि यदि राजगढ़ का पुलिस महकमा और यहां के थानाधिकारी सजगता और कर्मठता से दायित्व निर्वहन नहीं करते तो मेरे ख्याल से राजगढ़ की स्थिति भी और ज्यादा खराब हो सकती थी ? एक गंभीर बात यह भी... कि राजगढ़ पुलिस के हाथ बंधते या बांधे जाते नजर आ रहे हैं।
बंधुओं बहनों, कोरोना अब तीसरे स्टेज पर है यानी आप हम और सभी लोग तीसरे विश्वयुद्ध की चपेट जैसी स्थिति में है। अब निर्णय आप हम सभी को करना है। जागरूक होना है और सिर्फ प्रशासन के भरोसे नहीं रह कर अपने बचाव के लिए हमें आपस में मिलकर भी आवश्यक व्यवस्थाएं करनी है। अपील है, गुजारिश है व विश्वास, यकीन यही है कि सभी जन पूरी तरह से गंभीरता बरतेंगे।
26 मार्च को इसके दो और प्रमाण सामने आए हैं। एक का तो मैं वीडियो लगा रहा हूं, जो उपखंड कार्यालय का है। जहां लोग अपनी व्यथा लेकर अधिकारियों से मिलने गए, मगर गेट बंद कर दिया गया और पुलिस व्यवस्था के अभाव में लोग भीड़ में वहां जमा थे। हालांकि इस बारे में मैंने जिला कलेक्टर को भी अवगत करवाया मगर लगता है कि जैसे जनता उदासीन और लापरवाह बनी हुई है, कमोबेश यही स्थिति प्रशासन की है ?
एक तरफ केंद्र सरकार और राज्य सरकार कोरोना के खतरे के प्रति गंभीर नजर आ रही है और सख्त आदेश दे रही है। वहीं राजगढ़ सादुलपुर के प्रशासन व स्वास्थ्य की व्यवस्था चिंतनीय नजर आ रही है।
आज यह महसूस हुआ कि यदि राजगढ़ का पुलिस महकमा और यहां के थानाधिकारी सजगता और कर्मठता से दायित्व निर्वहन नहीं करते तो मेरे ख्याल से राजगढ़ की स्थिति भी और ज्यादा खराब हो सकती थी ? एक गंभीर बात यह भी... कि राजगढ़ पुलिस के हाथ बंधते या बांधे जाते नजर आ रहे हैं।
बंधुओं बहनों, कोरोना अब तीसरे स्टेज पर है यानी आप हम और सभी लोग तीसरे विश्वयुद्ध की चपेट जैसी स्थिति में है। अब निर्णय आप हम सभी को करना है। जागरूक होना है और सिर्फ प्रशासन के भरोसे नहीं रह कर अपने बचाव के लिए हमें आपस में मिलकर भी आवश्यक व्यवस्थाएं करनी है। अपील है, गुजारिश है व विश्वास, यकीन यही है कि सभी जन पूरी तरह से गंभीरता बरतेंगे।
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